अगले मसीहा की पहचान
बाइबल में विस्तार से अगले मसीहा के बारे में भविष्यवाणियाँ की गई हैं जिन्हें आप यहा पढ़ सकते हैं।
मसीहा (अवतार) पूरब से आएगा
बाइबल स्पष्ट रूप से कहती है कि तीसरा एवं अन्तिम मसीहा पूरब दिशा से आयेगा। ओल्ड टेस्टामेन्ट (पुरानी वसीयत) में तीसरे मसीहा एलिय्याह के बारे में कहा है :
“एक बहुत भूखा पक्षी पूरब से पुकार रहा है, दूर देश से जो व्यक्ति मेरी
सलाह को कार्यान्वित करेगा, वह मैंने जो कहा है, मैं उसको पूरा करूँगा, मैंने ऐसा खास उद्देश्य
से किया है, और मैं उसे पूरा करूँगा”।
(यशायाह ४६:११)
मसीहा विदेशी भाषा बोलेगा
“नियम में यह लिखा है, अन्य भाषा तथा अन्य जुबान के
व्यक्तियों से क्या मैं नहीं बोलूंगा? और फिर भी क्या वह उस सबके लिये नहीं सुने जायेंगें,
ईश्वर कहता है”।
(१ कुरिन्थियों १४:२१)
मसीहा असाध्य रोगों को ठीक करेगा
“और बीमारों को स्वस्थ करना जो उनमें हैं और उन्हें
बतलाना कि ईश्वर का राज्य उनके करीब है”।
“लेकिन यदि मैं ईश्वर की उँगली के इशारे से
दुष्टात्मा को बाहर करता हूँ, कोई शक नहीं ईश्वर का राज्य आस पास होगा”।
(ल्यूक १०:९ ११:२०)
प्रासंगिकता: यह भविष्यावाणी पहले
से ही सत्य हो चुकी है क्योंकि गुरुदेव सियाग अनगिनत लोगों को गत 30 वर्षों से भी ज्यादा समय से, असाध्य तथा लम्बे समय से चले आ रहे रोगों से, सिद्धयोग की दीक्षा के द्वारा रोग मुक्त कर चुके हैं तथा अभी भी कर रहे हैं।
मसीहा अनिश्चित काल का भूत और भविष्य दिखलायेगा
यीशु ने अपने अनुचरों से कहा कि सही मसीहा की पहचान का मुख्य लक्षण यह होगा कि वह अपने अनुयाइयों को बपतिस्मा के बाद उन्हें भूत तथा भविष्य की घटनाओं को दिखाने की योग्यता रखेगा। निम्न पर विचार करें:
परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आयेगा, तो
तुम्हें सब सत्य का मार्ग बतायेगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही
कहेगा और आने वाली बातें तुम्हे (दिखायेगा) बतायेगा”। लेकिन यह वह है जो भविष्यवक्ता योएल
द्वारा कही गई है।
(एक्ट्स २:१६ से
२:३३)
मसीहा लोगों को बपतिस्मा (दीक्षा) देगा
बाइबल के अनुसार पवित्र आत्मा (मसीहा) लोगों को बपतिस्मा देगा।“और उनसे मिलकर यीशु ने आज्ञा दी कि यरूशलम को न छोड़ो, परन्तु पिता की
उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिसकी चर्चा तुम मुझसे सुन चुके हो”।
(ऐपोस्टल्स के कार्य १:४)
मसीहा को हानि पहुँचाने का प्रयास होगा
भविष्यवाणियाँ रिवीलेशन १२:१५ व १२:१६ कहती हैं-
“और
सांप ने उस स्त्री के पीछे अपने मूंह से नदी की नाईं पानी बहाया, कि उसे उस नदी से बहा दे।
परन्तु पृथ्वी ने उस स्त्री की सहायता की, और अपना मुँह खोलकर उस नदी को जो अजगर ने अपने मुँह
से बहाई थी, पी लिया।”
(१२:१५ और १२: १६)