शंका समाधान
सिद्धयोग, ध्यान व मंत्र से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर।
सिद्धयोग
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क्या सिद्धयोग निःशुल्क है?
हाँ, यह पूर्णरूप से निःशुल्क है।
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मैं हिन्दू धर्म से नहीं हूँ, क्या मैं फिर भी इस सिद्धयोग का लाभ ले सकता हूँ?
हाँ, गुरुदेव सियाग सिद्धयोग सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याणार्थ है। इसमें देश, धर्म, जाति आदि का कोई स्थान नहीं है।
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गुरुदेव तो अब भौतिक शरीर में नहीं है तो क्या अभी भी उनके चित्र का ध्यान करने से परिवर्तन आ रहा है?
जी हाँ, गुरुदेव सियाग के चित्र का ध्यान करने से परिवर्तन आ रहा है क्योंकि गुरुदेव कभी भी अपने भौतिक शरीर से सीमित नहीं थे। समर्थ सदगुरुदेव सदैव ही सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ हैं।
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क्या शक्तिपात दीक्षा लेने के लिए अध्यात्म विज्ञान सत्संग केन्द्र, जोधपुर आना जरूरी है?
नहीं, शक्तिपात दीक्षा लेने के लिए आपको जोधपुर आश्रम आने की कोई जरूरत नहीं हैं। गुरुदेव सियाग की दिव्य वाणी में संजीवनी मंत्र सुनना ही शक्तिपात दीक्षा है जो आप घर बैठे ही संस्था के यूट्यूब चैनल (Gurudev Siyag’s Siddha Yoga – GSSY) से या वैबसाइट www.the-comforter.org से ले सकते हैं।
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अगर पहले से ही गुरु धारण किया हुआ है तो भी क्या सिद्धयोग का लाभ ले सकते हैं?
गुरुदेव कहते हैं कि सिद्धयोग का पूर्ण लाभ लेने के लिए ये जरूरी है कि साधक उन्हें गुरु के रूप में स्वीकार करके समर्पण करें। इसके साथ-साथ गुरुदेव द्वारा बताई गई विधि से नियमित ध्यान और संजीवनी मंत्र का जाप भी जरूरी है। सिद्धयोग साधना के समय गुरुदेव द्वारा बताए संजीवनी मंत्र के अलावा और किसी मंत्र का जाप नहीं करना है।
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सिद्धयोग का लाभ लेने के लिए किन नियमों का पालन करना पड़ता है?
सिद्धयोग का लाभ लेने के लिए साधक को केवल दो बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सुबह-शाम 15 मिनट का ध्यान और अपने दैनिक कार्य करते हुए संजीवनी मंत्र का अधिक से अधिक मानसिक जाप।.
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क्या मांस-मदिरा का सेवन करने वाला सिद्धयोग का लाभ ले सकता है?
जी हाँ। सिद्धयोग की साधना के लिए आपको अपनी जीवन शैली में कोई परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं हैं। गुरुदेव कहते हैं कि ‘‘आपको वस्तुओं को छोड़ने की आवश्यकता नहीं हैं, वस्तुऐं स्वयं आपको छोड़ कर चली जाऐंगी। परन्तु मंत्र को भी मत छोड़ो, मंत्र का हर समय सघन जप करते रहो।’’
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सिद्धयोग का उद्देश्य क्या है?
सिद्धयोग का उद्देश्य आध्यात्मिक उत्थान द्वारा मानव मात्र का दिव्य रूपान्तरण करना है।
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क्या हम गुरुदेव सियाग सिद्धयोग के बारे में औरों को बता सकते हैं?
जी हाँ, जरूर बता सकते हैं।
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क्या गुरुदेव सियाग सिद्धयोग की साधना के लिए गृहस्थ जीवन छोड़ना होगा?
नहीं, गुरुदेव सियाग सिद्धयोग साधना सभी गृहस्थ साधकों को अपने घर की सभी जिम्मेदारियाँ निभाते हुए करनी है। इसके लिए घर छोड़ने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं है।
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मैं किसी भी बीमारी से ग्रस्त नहीं हूँ तो मुझे सिद्धयोग से लाभ किस प्रकार मिल सकता है?
सिद्धयोग का मुख्य उद्देश्य आत्मसाक्षात्कार और जनम-मरण के चक्र से मुक्ति है। जैसा गुरुदेव ने अपने बहुत से प्रवचनों में कहा है कि वो यहाँ ‘मुक्ति’ देने के लिए आये हैं। सिद्धयोग की साधना से साधक को मिलने वाला यह उच्चत्म लाभ है।
ध्यान
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क्या हम 15 मिनट से ज्यादा समय तक ध्यान कर सकते हैं?
नहीं, गुरुदेव ने 15 मिनट का ही ध्यान करने का निर्देश दिया है।
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15 मिनट से अधिक समय तक ध्यान क्यों नहीं करना चाहिए?
गुरुदेव बताते है कि ध्यान के दौरान शरीर में उर्जा पैदा होती है। 15 मिनट से अधिक समय तक ध्यान करने पर अधिक उर्जा उत्पन्न होने से शरीर में गर्मी से सम्बंधित कई प्रकार की समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए ध्यान 15 मिनट ही करना चाहिए।
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हमें संजीवनी मंत्र गुरुदेव कि वाणी में सुनते रहना चाहिए या कि स्वयं जपना चाहिए?
‘संजीवनी मंत्र’ गुरुदेव की वाणी में एक बार सुनने के बाद, साधक स्वयं को अपने दैनिक कार्य करते हुए अधिक से अधिक उसका जप करना चाहिए।
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क्या दो बार ध्यान करना अनिवार्य है?
जी हाँ, गुरुदेव ने नियमित सुबह-शाम खाली पेट केवल 15 मिनट ध्यान करने को कहा है। अगर किसी कारण से आप कभी ध्यान नहीं कर पाये तो उससे कोई नुकसान नहीं है।
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ध्यान के लिए कोई खास प्रकार के वस्त्र पहनने चाहिए?
नहीं, किसी भी आरामदायक वस्त्र में ध्यान कर सकते हैं।
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ध्यान के दौरान किसी कारण वश अगर उठना पड़े तो क्या हम समय से पहले ध्यान छोड़ कर उठ सकते है?
जी हाँ, उठ सकते हैं।
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ध्यान किस दिशा में बैठ कर करना चाहिए?
ध्यान किसी भी दिशा में बैठकर कर सकते हैं।
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क्या ध्यान के लिए किसी विशेष आसन में बैठने की आवश्यकता है?
नहीं, आप अरामदायक स्थिति में जमीन, कुर्सी, सोफा आदि पर बैठ कर और यदि बैठ सकने की स्थिति में नहीं हैं तो लेट कर भी ध्यान कर सकते हैं।
संजीवनी मंत्र
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संजीवनी मंत्र जाप से संबंधित हमें क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
संजीवनी मंत्र जाप से संबंधित हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. संजीवनी मंत्र का मानसिक जाप बिना होठ और जीभ हिलाए करना है।
2. इस मंत्र को दिन-रात अपने दैनिक कार्य करते हुए मानसिक जप करना है।
3. ध्यान करते समय भी संजीवनी मंत्र का मानसिक जाप करते रहना है।
4. संजीवनी मंत्र के साथ किसी भी और मंत्र को नहीं जपना है।
5. संजीवनी मंत्र के साथ किसी भी प्रकार की छेड़-छाड़ नहीं करनी है।
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गुरुदेव अपने एक प्रवचन में कहते हैं कि मेरी आवाज साथ रखो, आवाज के बिना इफैक्ट नहीं होगा। इसको सुनकर कई साधकों का यह प्रश्न आता है कि क्या ध्यान करते समय हमें गुरुदेव का मंत्र ऑडियो भी सुनते रहना है?
नहीं, गुरुदेव का अपने प्रवचन में इस बात को कहने का तात्पर्य यह है कि इस मंत्र का प्रभाव केवल उनकी आवाज में मंत्र सुनने पर ही होता है। इसलिए किसी भी नए साधक को गुरुदेव की वाणी में मंत्र सुनाकर ही शक्तिपात दीक्षा होगी और मंत्र प्रभावशाली होगा। यह बात गुरुदेव ने उस समय कही जब पहली बार गुरुदेव ने 30 जुलाई, 2009 को मंत्र को सीडी में रिकाॅर्ड करवाकर शिष्यों को उसे अपने स्तर पर प्रचार करने की अनुमति दी। 30 जुलाई, 2009 से पहले गुरुदेव अपने समक्ष ही शक्तिपात कार्यक्रमों में दीक्षा देते थे। ध्यान करते समय साधक को गुरुदेव के चित्र को आज्ञाचक्र पर केन्द्रित करते हुए, केवल संजीवनी मंत्र का मानसिक जाप बिना होठ और जीभ हिलाए करना है। गुरुदेव की आवाज में रिकाॅर्डेड संजीवनी मंत्र को नहीं सुनना है।
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क्या संजीवनी मंत्र के आगे ‘ओम’ या उसके अन्त में ‘नमः’ जोड़ सकते हैं?
गुरुदेव ने स्पष्ट कहा है कि संजीवनी मंत्र के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं करनी है। ऐसा करने पर मंत्र प्रभावहीन हो जाऐगा इसलिए मंत्र के आगे या पीछे कुछ भी जोड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता।
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संजीवनी मंत्र का जाप करने के साथ-साथ क्या हम और मंत्र जैसे कि गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, दुर्गा स्तुति, चालीसा आदि कर सकते हैं?
गुरुदेव ने स्पष्ट कहा है कि संजीवनी मंत्र के जाप के साथ किसी भी और मंत्र का जाप नहीं करना है, नहीं तो इफैक्ट नहीं होगा।
गुरुदेव से वार्तालाप
जोधपुर आश्रम में शक्तिपात दीक्षा कार्यक्रमों के दौरान साधकों की शंकाओं का गुरुदेव द्वारा समाधान।
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साधक-01
जागृति (कुडलिनी जागरण) कितने समय में हो जाएगी?
गुरुदेव: इसमें समय नहीं होता, फेथ (विश्वास) होता है। विश्वास काम करता है। और गुरु बना रखे हैं क्या?
जी गुरुदेव, काशी में है, स्वामीजी।
गुरुदेव: देखो, नाम मैं जो बताता हूँ, वो जपोगे, तो ही फायदा होगा, जो चाहोगे, वही हो जाएगा।
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साधक-02
गुरुदेव, मैंने ध्यान के दौरान देखा कि आप ही भगवान् श्री कृष्ण हैं ? इसका क्या मतलब हुआ?
गुरुदेव: (मुस्कुराते हुए) वो आप जानो।
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साधक-03
गुरुदेव ये मेरी पत्नी है, Russia (रूस) से है, ये चाहती है कि इनके घर-परिवार वालों पर भी आपकी कृपा हो, वो भी आपका ध्यान करें।
गुरुदेव: हाँ, जरूर ऐसा करो, मेरी किताब है अंगेजी में, Religious Revolultion in the world (विश्व में धार्मिक क्रांति) वो ले जाओ। मेरी C.D. ले जाओ, घरवालों को दिखाओ और रूस में भी सबको बताओ।और नाम जपो हर वक्त।
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साधक-04
गुरुदेव मेरी किडनी में Problem है। हर वक्त पेट में दर्द भी रहता है। डॉक्टर ने कहा है, दोनों किडनियाँ खराब है।
गुरुदेव: ठीक हो जाएंगी, नाम जपो।
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साधक-05
गुरुदेव मैं कॉम्पीटिशन की तैयारी कर रहा हूँ। कॉम्पीटिशन में सफल होने के लिए क्या करूँ?
गुरुदेव: दीक्षा कार्यक्रम में आना, गुरुवार को। तुमको ध्यान का तरीका बताएंगे, उसको करोगे तो कॉम्पीटिशन में सफल हो जाओगे।
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साधक-06
गुरुदेव, नाम जप में मुश्किल होती है।
गुरुदेव: नाम तो जपना ही पड़ेगा। मंजिल तक पहुँचने के लिये चलना तो आपको ही पड़ेगा, मतलब उसका नाम तो जपना ही पड़ेगा।
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साधक-07
गुरुदेव ध्यान नहीं लगता है?
गुरुदेव: नाम जप करो हर समय। तेल की धार की तरह, साइकिल की चेन की तरह।
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साधक-08
गुरुदेव नाम जप नहीं होता, नाम नहीं जपा जाता है?
गुरुदेव: कोशिश करते रहो, कोशिश करने से सब कुछ संभव है।
गुरुदेव नाद सुनने लग गया है, नाद सुनें या नाम जपे?
गुरुदेव: नाद सुनो।
गुरुदेव भीड़ में शोरगुल में नाद सुनाई नहीं देता है, उस समय क्या करें?
गुरुदेव: हाँ, उस समय नाम जप करो।
और, गुरुदेव, ध्यान के समय?
गुरुदेव: ध्यान में नाद सुनो।
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साधक-09
गुरुदेव, तिल्ली लगातार बढ़ रही है, डॉक्टर्स को भी दिखाया है, कोई फायदा नहीं हुआ?
गुरुदेव: नाम जपो, ठीक हो जाएगी।
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साधक-10
10-गुरुदेव, पेट में, साइड में गाँठ है
गुरुदेव: किसकी है? कैंसर की।
जी हाँ, गुरुदेव।
गुरुदेव: नाम जप व ध्यान करो, ठीक हो जाएगी।
गुरुदेव सीने में, हाथ, पैरों में दर्द रहता है।
गुरुदेव: दीक्षा कब ली?
गुरुदेव, आज ही। गुरुदेव-नाम जपो, ठीक हो जाएगा।
गुरुदेव: नाम जपो, ठीक हो जाएगा।
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साधक-11
मुझे एड्स है, (HIV Positive)
गुरुदेव: आपकी पत्नी को भी है क्या?
जी हाँ! गुरुदेव।
गुरुदेव: दोनों ही 15 मिनट ध्यान करो और हर समय नाम जपते रहो, ठीक हो जाओगे।
गुरुदेव, ध्यान नहीं लगता है
गुरुदेव: नाम जपते रहो, हर समय।
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साधक-12
गुरुदेव, अजपा व घंटी की आवाज दोनों साथ-साथ सुनाई देती है क्या करूं?
गुरुदेव: अजपा को सुनो।
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साधक-13
गुरुदेव, मैं और मेरे परिवार के सभी लोग आप का ध्यान कर रहे हैं। मैंने दो साल से देवी-पूजा व नवरात्रा करना बंद कर दिया हैं, कोई परेशानी तो नहीं हो जाएगी?
गुरुदेव: कोई परेशानी नहीं होगी। अब मैं आ गया हूँ, अब मेरा ध्यान करो। मैं दसवाँ अवतार हूँ, मैं कल्कि अवतार हूँ।
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साधक-14
गुरुदेव, 15 मिनट से ज्यादा ध्यान कर सकते हैं?
गुरुदेव: केवल 15 मिनट ही ध्यान करो और मंत्र हर समय जपो, राऊण्ड द क्लॉक। ध्यान आपको 15 मिनट ही करना है। कुछ लोग देर तक बैठे रहते हैं, बाद में मुश्किल हो जाएगी।
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साधक-15
गुरुदेव, पैर में घाव ठीक नहीं हो रहा है, ध्यान भी कर रहा हूँ।
गुरुदेव: ये घाव कैसे हो गया?
सर्प ने काट लिया था। डॉक्टरों को दिखाया था। बाद में रिपोर्ट कराई तो उसमें ब्लड कैंसर आ गया। ध्यान से ठीक हो गया था।
गुरुदेव: कैंसर की नेगेटिव रिपोर्ट है?
जी गुरुदेव, पोजिटिव और नेगेटिव दोनों रिपोर्ट है, लेकिन घाव ठीक नहीं हो रहा है?
गुरुदेव: नाम जपते रहो, धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।
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साधक-16
गुरुदेव बीपी की शिकायत है।
गुरुदेव: ध्यान करो, नाम जपो हर समय, ठीक हो जाएगा
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साधक-17
गुरुदेव मेरे हृदय में छेद है।
गुरुदेव: कितना समय हो गया?
साल भर पहले डॉक्टर को दिखाया था, कहते हैं ऑपरेशन करवाना पड़ेगा।
गुरुदेव: ठीक हो जाएगा, नाम जपो।
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साधक-18
गुरुदेव दोनों किडनियाँ खराब है, डाइलेसिस पर हूँ
गुरुदेव: कहाँ से आए हो?
उड़ीसा से।
गुरुदेव: ठीक हो जाएगी, नाम जपो।
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साधक-19
गुरुदेव, क्या नाद एक कान से सुनाई देता है।
गुरुदेव: हाँ, एक से भी और दोनों से भी।
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साधक-20
ऐसा इस मंत्र में क्या है? और यह प्रकिया और योग Technique औरों से कैसे Different है?
गुरुदेव: कृष्ण नौंवे अवतार थे और मैं दसवा अवतार हूँ। मैं कल्कि अवतार हूँ, मेरी तस्वीर से ध्यान लगता हैं। राम और कृष्ण की फोटो से ध्यान नहीं लगता है।
महर्षि अरविंद ने अपनी किताब में वर्णन किया है कि मनुष्य की कोई योजना नहीं होनी चाहिए अपितु एक लक्ष्य होना चाहिए, रास्ते अपने आप बन जाते हैं।
गुरुदेव: बिल्कुल, उस किताब में मेरे अवतार की व्याख्या है और उसमें लिखा एक एक शब्द बिल्कुल सही है और मेरे लिए लिखा गया है। मैं कल्कि अवतार हूँ।
दिन भर के काम और Busy Schedule की वजह से सघन नाम जप नहीं कर पाते हैं, ऐसे में अजपा कैसे हो?
गुरुदेव: कोई बात नहीं, सुबह जल्दी उठ कर ध्यान करें। जब मरीजो को देखते हो पूरा ध्यान उन पर ही दो।
मुझे गायत्री हवन करना चाहिए या नहीं?
गुरुदेव: गायत्री पूजा संन्यासियों के लिए हैं। गृहस्थ के लिए नहीं। मैंने भी गायत्री साधना कर रखी है पर उसने मुझे केवल निर्धनता दी। पर जब से राधा कृष्ण की दीक्षा ली है तब से मैं सम्पन्न हूँ।
गुरुदेव ये तामसिक शक्तियाँ, इस समय लोगों को बहुत परेशान कर रहीं हैं, ये नष्ट कब होंगी?
गुरुदेव: होंगी, जरूर होंगी इसमें थोड़ा समय लगेगा। महर्षि अरविंद ने कहा है - "Iron age is ended" (कलियुग पूरा खत्म हो गया है।)
क्या ये तामसिक शक्तियाँ पूरी तरह से नष्ट नहीं हो सकतीं? ये आपको भी परेशान करती हैं?
गुरुदेव: बेटा ये तामसिक शक्तियाँ मेरे पास फटक भी नहीं सकतीं। ये मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं। इन तामसिक शक्तियों का अन्त होगा, मैं इसी लिए आया हूँ।.........."मैं मानवता में सतोगुण का उत्थान और तमोगुण का पतन करने अकेला ही निकल पड़ा हूँ, मुझ पर किसी भी जाति विशेष, धर्म विशेष या देश विशेष का एकाधिकार नहीं है"। मैं दसवां अवतार, कल्कि अवतार हूँ और कल्कि अवतार के सभी Rights (अधिकार) मेरे पास हैं।
ध्यान करने के पश्चात् बहुत नींद आती है। और कई बार सो जाता हूँ।
गुरुदेव: वह निंद्रा नहीं, तंद्रा है, उस नींद में देखा गया स्वप्न हमेशा सच होता है।
क्या आपका नाम ले कर मरीज का इलाज करें तो आप मेरे साथ खड़े होंगे?
गुरुदेव: बिल्कुल, मेरा नाम लेकर इलाज करो, मै हमेशा साथ रहूँगा। विज्ञान जल्दी चीजों को मानता नहीं। पर नाम जप और ध्यान से हजारों एड्स के मरीज ठीक हुए हैं।
कई ऐसे साधक हैं जो दवाई और नाम जप दोनों कर रहे हैं। उनको कब पता चलेगा कि अब वक्त आ गया है, कि वे दवाई छोड़कर, केवल नाम जप और ध्यान के सहारे रह सकते हैं?
गुरुदेव: इस नाम जप और ध्यान से मरीज अपना पूरा जीवन बिना कठिनाई के आराम से जीता है। उसकी मृत्यु बीमारी से नहीं होती।
आपका ध्यान और नाम शुरु करने से, मुसीबतें और बढ़ गईं हैं।
गुरुदेव: ये तामसिक शक्तियों का हमला है, जो मेरे खास शिष्यों पर ही होता है। आपको इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। ये मेरा शिष्यों का कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं।
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साधक-21
(दस साल का बच्चा)-गुरुदेव, दमा की शिकायत है।
गुरुदेव: इतने छोटे बच्चे को, नाम जप कर, घूमाकर सुबह।
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साधक-22
गुरुदेव शुगर है।
गुरुदेव: कहाँ से आए हो?
बैंगलोर से।
गुरुदेव: इन्सुलिन लेते हो।
हाँ, गुरुदेव
गुरुदेव: नाम जपो, ठीक हो जाएगा।
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साधक-23
गुरुदेव, ब्रेस्ट कैंसर है, डॉक्टरों ने ब्रेस्ट निकाल दिया है, अब कंधे तक बढ़ गया है। एक हाथ बिल्कुल ही काम नहीं करता है।
गुरुदेव: ठीक हो जाएगा, नाम जपो और मेरा ध्यान करो।
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साधक-24
गुरुदेव हमेशा डर लगता है, घर में भी अकेली नहीं रह सकती।
गुरुदेव: जब डर लगे यहाँ (आज्ञाचक्र) पर मुझे देखो और प्रार्थना करो, और मेरा ध्यान करो।
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साधक-25
गुरुदेव युरिनल (पेशाब) प्रोब्लम है।
गुरुदेव: कब से है?
पाँच साल से है, एलोपैथिक (अंग्रेजी) दवाइयाँ भी खा रहा हूँ, लेकिन कोई फायदा नहीं है, दवाइयों से गर्मी बढ़ गई है।
गुरुदेव: नाम जपो, ठीक हो जाएगी।
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साधक-26
गुरुदेव मेरे लड़के को मानसिक तनाव रहता है, नींद की गोलियों के बिना नींद नहीं आती है।
गुरुदेव: सोते समय मेरा नाम जपो, नींद आ जाएगी, और मेरा ध्यान करो-सुबह जल्दी उठकर।
गुरुदेव मैंने गायत्री मंत्र की व अन्य तरह की आराधनाएँ भी की हैं, का क्या मुझे उनका इस आराधना में लाभ मिलेगा ?
गुरुदेव: नहीं, उनका इस आराधना से कोई लिंक (संबंध) नहीं है। इस आराधना में आगे बढ़ाने की ड्यूटी मेरी है।
गुरुदेव अभी आप सशरीर हैं, हम आपसे अपनी समस्याओं पर प्रश्न पूछ सकते हैं, अपनी शंकाओं के समाधान के लिए बात कर सकते हैं, आपके शरीर छोड़ने के बाद हमारी शंकाओं का समाधान कैसे होगा?
गुरुदेव: देखो, मैं कल्कि अवतार हूँ, मेरी तस्वीर से ध्यान लगता है। मेरे जाने के बाद "मेरी तस्वीर"तो नहीं मरेगी? वह आपको जवाब देगी।
क्या आपको आपके किसी प्रश्न का उत्तर नहीं मिला, जिसकी आप तलाश कर रहे थे? हमसे पूछें।
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